हज़ार उज़्र तेरे दर से गुज़र जाने के
अब न हम जीने के बचे न ही मर जाने के
जब से सूरत तेरी कर गयी है घर इस दिल में
हौसले हममें भी आ गए कुछ कर जाने के
यूं तो ख़्वाबों की बड़ी लम्बी एक फ़ेहरिस्त भी है
राहत-ए-वस्ल बिन सब ख्वाब बिखर जाने के
जो दर्द तूने दिया, दवा भी अब तू ही बने
क्यूँ लगाये फ़िज़ूल चक्कर दवाखाने के
जो ये ग़म है तो हम हैं, ग़म नहीं तो हम भी नहीं
ग़म सफ़र देता है वादे हमसफ़र पाने के
जेब खाली सही, आशिक को कहाँ इसकी फिकर
तेरा दीदार मुतबादिल डॉलर कमाने के
समझ न इसको फ़क़त फ़साना-ए-इश्क़-ओ-सितम
फुर्सत-ए-हस्ती ने चाटे शायर ज़माने के
A thousand reasons to walk past your door
I'm neither alive nor dead anymore
Your pretty face lives in my heart
It makes me braver than before
You can say I'm a dreamer but
?Without you what are these dreams for
You are my pain and elixir
?Who wants a medicinal cure
This storm is what sustains my ship
It makes me promises of shore
Empty pockets don't bother me
Love isn't sold at the dollar store
Don't think of this as a love song
Poetry is my favorite chore
उज़्र=excuse; फ़ेहरिस्त=list; राहत-ए-वस्ल=joy of union; मुतबादिल=equivalent; फ़क़त=mere; फुर्सत-ए-हस्ती=this idle existence
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