Thursday, December 12, 2013

शिकायतें

आजकल शिकायतें बहुत हैं

दुनिया से और दुनियावालों से
क़ानून से और उसके रखवालों से
पैसे की पूजा करने वालों से
पूजा में पैसे धरने वालों से

सड़क पर बढती जा रही cars से
खुद की car ना होने के विचार से
देश में फैले भ्रष्टाचार से
अपनी भ्रष्ट हरकतों के प्रचार से

Back to back चुनाव से
तंत्र में लोक के अभाव से
जातियों के बीच खिंचाव से
अपनी जाति के बचाव से

'Gay' सुनते ही नाक-भौं सिकोड़ने से
हर ठीकरा court के सर फोड़ने से
सरकार के वादे तोड़ने से
सब सरकार भरोसे छोड़ने से

खबरों के avalanche से
अरनब के पिछवाड़े की आंच से
पड़ोसी की खिड़की के काले कांच से
अपनी privacy पर ज़रा-सी आंच से

अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी से
खाली बैठने पर पाबंदी से
अपराधियों की अक्लमंदी से
ज़बरदस्ती की तुकबंदी से

अपनी हर गलती छुपाने को हुकूमत-ए-विलायत है
इसीलिए इस मुल्क को अपने आप से शिकायत है