Tuesday, January 03, 2012

पाक़ ख्याल पाखानों में

जिस्म लटके हुए लाखों बूचड़खानों में
हुस्न वो चीज़ नहीं मिले जो दुकानों में

लचकती शाख से टप-टप टपकते फलों की धुन
नहीं सवाब वैसा फेरी की अज़ानों में

अब्र से आब गिरे तो खुदा की नेमत है
मुफ़्त बहता है पर shower से गुसलखानों में

पेट भरने को काफी है रोटी की दावत
दिल के दौरे को दावत दो दस्तर्ख्वानों में 

जो कहें वो कम है, जो न कहें और भी कम
नबी न सही दखल रखते हैं फरमानों में

शौक़ तो सभी करें, ज़ौक़ पर होता है क़लील
शौक़िया शायर मिलें थोक पागलखानों में

कभी 'फुर्सत' में मिलो दिल्लगी तो बहुत हुई
दिल के लगने की कहानी कहें फिर गानों में

दो लफ्ज़ बिके चार आने के


हज़ार उज़्र तेरे दर से गुज़र जाने के
अब न हम जीने के बचे न ही मर जाने के 

जब से सूरत तेरी कर गयी है घर इस दिल में
हौसले हममें भी आ गए कुछ कर जाने के

यूं तो ख़्वाबों की बड़ी लम्बी एक फ़ेहरिस्त भी है
राहत-ए-वस्ल बिन सब ख्वाब बिखर जाने के

जो दर्द तूने दिया, दवा भी अब तू ही बने
क्यूँ लगाये फ़िज़ूल चक्कर दवाखाने के 

जो ये ग़म है तो हम हैं, ग़म नहीं तो हम भी नहीं 
ग़म सफ़र देता है वादे हमसफ़र पाने के

जेब खाली सही, आशिक को कहाँ इसकी फिकर 
तेरा दीदार मुतबादिल डॉलर कमाने के 

समझ न इसको फ़क़त फ़साना-ए-इश्क़-ओ-सितम
फुर्सत-ए-हस्ती ने चाटे शायर ज़माने के


A thousand reasons to walk past your door
I'm neither alive nor dead anymore

Your pretty face lives in my heart
It makes me braver than before

You can say I'm a dreamer but
?Without you what are these dreams for

You are my pain and elixir
?Who wants a medicinal cure

This storm is what sustains my ship
 It makes me promises of shore

Empty pockets don't bother me
Love isn't sold at the dollar store

Don't think of this as a love song
Poetry is my favorite chore



 उज़्र=excuse; फ़ेहरिस्त=list; राहत-ए-वस्ल=joy of union; मुतबादिल=equivalent; फ़क़त=mere; फुर्सत-ए-हस्ती=this idle existence