Sunday, March 31, 2019

Acrostics for Acrophobics

Rambunctious ramblings resound
Ostracised for being pleasure-bound
Careful with that guitar, Eugene
Knowledge is not always the same as sound
'Neath the surface lies the dirt
Run into all sorts in this line of work
Ostentatious, outcast, or ordinary
Lazy, lewd, or just plain hurt
Let it play, I say

Thursday, March 21, 2019

बुरा ना मानो होली है

जला दो
आज सब जला दो
दुनियादारी का कचरा
जिसमें सड़ी-गली परम्पराओं के
कीड़े पलते हैं
जो इंसानियत के करिश्मे को
समाज की चटनी
और कर्तव्य का तड़का लगाके निगलते हैं
कभी हाथ जोड़ के
कभी फैला के
कभी हिम्मत तोड़ के
कभी हिमाकत दिखा के
कभी दण्डवत होके
कभी झुक के उठ के खाते धोखे
इस गंदगी में लोटने वाले
दुश्मन हैं अपने ही बच्चों के
कौन ज़्यादा गंदगी में पड़ा है
किसका ख़्याली पुलाव ज़्यादा सड़ा है
बस यही बहस बची है अब
ये भी कर लो
अपने-अपने पाक-पवित्र कूड़ेदान में
महफूज़ रहने का दम भर लो
मूर्ति उठा के नाच लो
या ताजिये चौराहे पे धर लो
ना ज़िन्दगी में कुछ किया है
ना करने की औकात है
तो क्या? करने को देशभक्ति की बात है
और झाड़ने को परम्परा है, मज़हब है, जात है
कभी धर्म खतरे में है
कभी धर्मनिरपेक्षता खतरे में है
काश कभी ये सोचा होता
कि तुम भी कचरे में हो
और वो भी कचरे में हैं
इस कचरे में इंक़लाब का घी डालो
सच्चाई की चिंगारी दिखाओ
और ज़मीर की हवा दो
आज सब जला दो